भारतीय डाक द्वारा हाल में स्थापित इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक काफी चर्चा में रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक गांव-गांव में विस्तारित अपने नेटवर्क के कारण इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने काफी तेजी से प्रगति की है। स्थापना के केवल चार महीनों में इसने सवा लाख सेवा केंद्र खोला जिसमें से 1 लाख 10 हजार सेवा केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं। बैंकिंग सेवा के दुनिया के इतिहास में इतनी तेजी से कहीं कभी केंद्र नहीं खुले। व्यापक बदलाव का वाहक बनने की ओर अग्रसर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के भविष्य की रणनीति और अन्य तथ्यों को लेकर संसद की सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने हाल में पड़ताल की और सात प्रमुख बिंदुओं पर बेहद अहम सिफारिशें की हैं। वित्तीय समावेशन की सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना होने के नाते समिति ने इसके तमाम पक्षों पर बारीकी से अध्ययन किया। यह जानने का प्रयास भी किया गया कि कहीं इसकी गतिविधियों से बेहद सक्रियता से जुड़ने पर डाक विभाग के कामकाज पर असर तो नहीं पड़ेगा। समिति ने जहां तमाम पहलुओं की सराहना की है, वहीं कई अहम सुझाव भी दिए। ये बैंक पहुंच औऱ नेटवर्क के आधार पर देश का विशालतम बैंक तो बन गया है, लेकिन यह ग्रामीण भारत को कितनी ताकत देता है, ये देखना अभी शेष है। प्रस्तुत है स्थायी समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सभा टीवी की खास पेशकश संसद 24X7 एंकर –अरविंद कुमार सिंह

0 Comments